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स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण

विभाग में संचालित कार्यक्रम एवं योजनायें

जननी सुरक्षा योजना –

संस्थागत प्रसव कराने से गर्भवती महिला एवं बच्चें को संभावित खतरे (खून की कमी, रक्त स्त्राव, इन्फेक्शन , हाई ब्लड प्रेशर हाई सुगर, झटका आना इत्यादि) से बचाया जा सकता हैं।
संस्थागत प्रसव पर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को 1400/- शहरी क्षेत्र की महिलाओं को 1000/- मितानिन को प्रोत्साहन पर 300/- मितानिन को साथ आने पर 300/- घरेलु प्रसव पर  500/- (केवल बी.पी.एल हेतु)

टीकाकरण कार्यक्रम –

0-5 वर्ष तक के बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण समय पर टीकाकरण कर गंभीर 5 जानलेवा बीमारी से बचाया जाता हैं।

  1. पोलियो ड्राप /इंजेक्शन  – पोलियो विकृति,
  2. बीसीजी – टी.बी. का बचाव,
  3. हिपोटाईटस 0 डोज – पीलिया से बचाव,
  4. पेन्टावेलेन्ट इंजेक्शन  (नया) – निमोनिया ,
  5. मीजल्स – खसरा से बचाव

जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम –

48 घंटे के भीतर माँ को रक्त स्त्राव का सबसे अधिक खतरा होता हैं और अधिकांश मृत्यु रक्तस्त्राव एवं झटके के कारण होता हैं। अस्पताल में रहने पर ब्ल्ड ट्रासफ्यूजन एवं अन्य सुविधाएं देकर मृत्यु से बचाया जा सकता है।निःशुल्क जांच , निःशुल्क प्रसव सुविधा, निःशुल्क भोजन, निःशुल्क दवांईयां तथा निःशुल्क परिवहन (घर से लाने ले जाने 102 )

परिवार कल्याण कार्यक्रम –

  1. दो से अधिक प्रसव/ दो बच्चों के बीच जन्म अंतराल कम होने पर माता की पोषण स्थिति कमजोर हो जाती हैं।
  2. परिवार बढ़ने से आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति कमजोर होना।
  3. आर्थिक स्थिति कमजोर होने से माता के साथ साथ बच्चों में भी कुपोषण एवं अनीमिया की संभावना। अनीमिया से मृत्यु की संभावना रहती हैं।

प्रोत्साहन राशि महिला नसबंदी 1400/- पुरुष नसबंदी में 2000/- प्रेरक पुरुष नसबंदी 300/ महिला 200/- अन्य सुविधाएं शुल्क ओरल पिल्स, कंडोम, आई.यू.सी.डी.

पुनरीक्षित राष्ट्रीय क्षय  नियंत्रण कार्यक्रम

लक्षण:- 14 दिनों तक लगातार खासी, बुखार आना, वजन कम होना।
खतराः- 1. किसी भी उम्र को प्रभावित कर सकता हैं। 2. फैलने वाली बिमारी है। 3. टी.बी. से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने से अन्य बिमारी से संक्रमण का खतरा होता है, विशेषकर एड्स से।

  1. समय पर जांच होने से बिमारी का निःशुल्क उपचार।
  2. परिवार के अन्य सदस्यो को फैलने से बचाया जा सकता हैं।

राष्ट्रीय मलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम-

लक्षण:- 1. किसी भी मौसम में हो सकता हैं। 2. ठंड के साथ बुखार।
खतराः- 1. गंदे नाले /पानी जमा होने से फैलता हैं। 2. सात दिन तक उपचार नही होने से लीवर किडनी फेल होने से मृत्यु हो सकती हैं।
उप स्वास्थ्य केन्द्र स्तर पर खून की जांच  की सुविधा उपलब्ध हैं।

राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम-

लक्षणः- त्वचा पर सफेद दाग एवं सुन्नपन
खतराः- समय पर उपचार नही होने पर अन्य को प्रभावित कर सकता हैं।

  1. समय पर उपचार कराने एवं 4 खुराक लेने से फैलता नही हैं।
  2. छः माह तक लगातार दवाई के सेवन से ठीक हो जाता हैं।

राष्ट्रीय दृष्टिहीनतानियंत्रण कार्यक्रम –

लक्षणः- देखने की क्षमता कम होना, कार्निया में सफेद दाग दिखाई देना
खतराः- समय पर उपचार नही होने पर स्थाई रुप से दिखाई देना बंद होता हैं।

  1. प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में जांच की सुविधा।
  2. जिला अस्पताल में निःशुल्क मोतियाबिन्द आॅपरेशन कर पुनः नेत्र ज्योति से लाभान्वित किया जाता हैं।

चिरायु योजना(आर.बी.एस.के.) –

शासकीय  एवं प्राथमिक/माध्यमिक/ उच्चतर माध्यमिक तथा आवासीय विद्यालयों में अध्ययनरत बालक/ बालिकाओं तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों में पंजीकृत 18 वर्ष के बालक/ बालिकाओं का स्वास्थ्य परीक्षण चिरायु दल के माध्यम से स्वास्थ्य परीक्षण पश्चात् उन्हे आवश्यक दवांईयों का वितरण किया जाता है तथा गंभीर बिमारी होने पर उन्हे जिले के शासकीय अस्पताल अथवा निजी अस्पताल में निःशुल्क चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाती हैं।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना/ मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना –

प्रत्येक परिवार को 30/- के वार्षिक प्रीमियम पर योजनांतर्गत मान्यता प्राप्त किसी भी चिकित्सालय से एक वर्ष में ईलाज हेतु 50,000/- रुपये तक का खर्च शासन द्वारा वहन किया जाता हैं।शासकीय एवं पंजीकृत निजी चिकित्सालयों में कैशलेस ईलाज की सुविधा

अधिक जानकारी के लिए लिंक पर जाएँ : http://www.cghealth.nic.in/cghealth17