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आदिमजाति तथा अनुसूचित जाति विकास

विभाग में संचालित कार्यक्रम एवं योजनायें

सफलता की कहानी

आदिवासी विकास विभाग अंतर्गत बिलासपुर जिले में कुल 161 छात्रावास/आश्रमों के साथ ही प्रयास आवासीय विद्यालय संचालित है विगत 02 वर्षो में प्रयास बिलासपुर से 181 ने प्रतियोगी परीक्षा में सफलता प्राप्त की जिसमे से निम्नानुसार छात्र शासकीय कालेजो में अध्ययनरत है :-

  1. कु. भावना भोयर, नीट, बी.के.एम.एम.सी. जगदलपुर-एम.बी.बी.एस.
  2. कु. अंजली नरेटी, बी.के.एम.एम.सी. जगदलपुर-एम.बी.बी.एस.
  3. कु. प्रेमलता पैकर, शासकीय मेडिकल कालेज-एम.बी.बी.एस.
  4. योगेश सिंह, आई.आई.टी. हैदराबाद कम्पूटर साइंस जे.ई.ई. एडवांस (कम्पूटर साइंस)
  5. श्यामदेव सिंह, शासकीय इंजीनियरिंग कालेज रायपुर माइनिंग इंजीनियरिंग जे.ई.ई. मेंस
  6. कु. आलोचना, शासकीय आयुर्वेदिक मेडिकल कालेज बिलासपुर एम.बी.बी.एस.
  7. कु. अंजनी कौशिक, सिम्स बिलासपुर-बी.एस.सी.नर्सिंग
  8. कु. करूणानिधि भगत, आई.आई.आई.टी. नया रायपुर कम्पूटर साइंस
  9. दीपक कुमार पैकरा, आई.आई.आई.टी. नया रायपुर कम्पूटर साइंस

बैगा हितग्राहियों की सफलता की कहानी

बैगा हितग्राही

बैगा हितग्राही

विशेष केंद्रीय सहायता मदान्तार्गत वर्ष 2005-06 में प्रोत्साहन राशि से अनुमोदित कार्ययोजना अंतर्गत विकास खंड गौरेला के 03 बैगा हितग्राहियों की भूमि / बाड़ी पर (राशि रुपये 75000/- प्रति इकाई के मान से) ट्यूबवेल खनन कर विधुत पम्प स्थापित किया गया जिसमे से निम्न बैगा हितग्राहियों के ट्यूबवेल पर सब्जी उत्पादन के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होने पर सब्जी का उत्पादन किया जा रहा है !
श्री दीपचंद पिता श्री प्रेमलाल बैगा, श्री मंडल सिंह पिता श्री रामस्नेही, श्री सरमन सिंग पिता श्री बुधराम बैगा ग्राम चुकतीपानी विकास खंड गौरेला जिला बिलासपुर (छ ग) लघु कृषक है! उनके द्वारा पूर्व से देशी पद्धति साग सब्जी की खेती कर भिन्डी, बरबटी, करेला आदि फसलो का उत्पादन लिया करते थे! जिसमे लगभग 15-20 हजार की आमदनी होती थी! जिससे उपरोक्त बैगा जनजाति परिवार में आर्थिक प्रभाव बना रहता था जिससे बचो की शिक्षा भी प्रभावित होती थी!उपरोक्त कृषक श्री दिलचंद श्री मंडल, सरमन सिंह की भूमि/बाड़ी पर ट्यूबवेल की स्थापना होने पर उनके द्रारा उद्यान विभाग के अधिकारियो से संपर्क किया गया! उद्यान विभाग के अधिकारियो द्रारा तकनिकी पद्धति से सब्जी फसलो की खेती करने हेतु सुझाव दिया गया! तथा विशेष केंद्रीय सहायता एवं केंद्रीय क्षेत्रीय योजना मद अंतर्गत प्राप्त स्वीकृति के अनुसार उपरोक्त कृषको की भूमि/ बाड़ी पर फेशिंग की गई तथा सब्जी बिज प्रदान किया गया!
उद्यान विभाग के अधिकारियो द्रारा दी गई सलाह/सुझाव अनुसार तकनिकी पद्धति से सब्जी फसलो ( जैसे – टमाटर, भिन्डी, मिर्ची, आदि की) खेती किये जाने से लगभग 20-30 हजार रुपये की आमदनी प्राप्त कर रहे है! जिसदे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होने से परिवार के बचो की शिक्षा भी प्रभावित नहीं हो रही है! तथा इसका प्रभाव आस-पास के बैगा/आदिवासी जनजाति पर होने से उनके द्रारा भी सब्जी सब्जी फसल की खेती आये बढ़ने हेतु रूचि ली जा रही है!

माय क्लीन हास्टल मिशन

माय क्लीन हास्टल मिशन

माय क्लीन हास्टल मिशन

बिलासपुर जिले में संचालित छात्रावास/आश्रम में माय क्लीन हास्टल मिशन समयबध्य दो चरणों (प्रथम चरण दिनांक 23 से 26 नवम्बर एवं द्वितीय चरण 27 से 30 नवम्बर 2017 में पूरा किया गया!
प्रथम चरण में छात्रावास/आश्रम परिसर एवं उसके चारो तरफ के समस्त अवांछित घास कचरे को साफ कर किचन गार्डन गेतु अधीक्षकों/कर्मचारियों एवं छात्रावास के छात्र–छात्राओं के सहयोग से जमीन तैयार कर अनुपयोगी जल किचन गार्डन में प्रवाहीत करने की व्यवस्था बनाई गई!
द्वितीय चरण में रचनात्मक कार्य जैसे साफ मैदान में बचों को जागिंग, रनिग, वाकिंग कराया गया, तथा स्वच्छ भारत मिशन के तहत छात्रावास अधीक्षक/ कर्मचारी तथा छात्र छात्राओं द्वारा किचन गार्डन में श्रमदान कर साग सब्जी तथा फुल के पोधे रोपित किये गए! पुरानी ख़राब मछरदानी को खिडकियों में लगाया गया! जिले के आदर्श छात्रावास/आश्रमों में पर्दे जूता स्टैंड एवं डबल बैंड लगाये गए है!
उक्त माय क्लीन हॉउस मिशन कार्यक्रम के तहत उपरोक्त कार्यो के क्रियान्वयन से छात्रावास/आश्रमों के छात्र छात्राओं को ताज़ी साग-सब्जी एवं अच्छी आवासीय तथा शैक्षणिक सुविधा प्राप्त हो रही है!

अधिक जानकारी के लिए लिंक पर जाएँ : http://tribal.cg.gov.in