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स्कूल शिक्षा

विभाग में संचालित कार्यक्रम एवं योजनायें

अटल टिकरिंग लैब-

अटल टिकरिंग लैब में मॉडल बनाते विद्यार्थी

अटल टिकरिंग लैब में मॉडल बनाते विद्यार्थी

विद्यार्थियों के बीच वैज्ञानिक स्वभाव, नवाचार, रचनात्मकता का माहौल बनाने के लिए केन्द्र सरकार की नीति आयोग के द्वारा अटल टिंकरींग लैब योजना प्रारंभ की गई है। यह नई भारत के विद्यार्थियों को अनुसंधान की ओर आर्कषित करने एवं वैज्ञानिक बनाने की ओर एक कदम है। इस योजना के तहत जिले के शास.बहु.उ.मा.शा. बिलासपुर एवं शास.बहु.उ.मा.शा. पेण्ड्रा का चयन हुआ है। जिसमें लैब के स्थापना हेतु एक मुस्त 08 लाख एवं 05 वर्ष तक क्रियान्वयन हेतु प्रतिवर्ष 02 लाख रू. एवं उपकरण के मरम्मत हेतु 02 लाख रू. इस प्रकार कुल 20 लाख रू. प्रदान किया जाता है।
उक्त योजना में शास.बहु.उ.मा.शा.बिलासपुर की उपलब्धि निम्नानुसार है:-

  1. शास.बहु.उ.मा.शा. बिलासपुर के विद्यार्थियों द्वारा अक्टूबर माह में नोयडा में आयोजित वल्र्ड रोबोटिक प्रर्दशनी में राज्य/जिला का प्रतिनिधित्व किया गया। जिसमें लैंड माईन्स डिटेक्टर प्रादर्श को सैन्य एकेडमी द्वारा सराहा गया एवं अपने उपयोग हेतु उक्त तकनीक को अपनाना चाहा। ऑनलाइन आयोजित प्रतियोगिता में 10,000 मॉडलों में से शास.बहु.उ.मा.शा. बिलासपुर के “क्लीन एनर्जी मॉडल” का चयन दिनांक 15 एवं 16 दिसंबर को दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित प्रदर्शनी के लिए किया गया था।
  2. नई दिल्ली में आयोजित नेशनल रोबोटिक प्रदर्शनी में शास.बहु.उ.मा.शा. बिलासपुर के दो प्रादर्शो ने टॉप 10 में अपना जगह बनाया, जिसमें से “मोक्ष” प्रादर्श ने प्रथम स्थान प्राप्त करते हुए अंतराष्ट्रीय रोबोटिक प्रदर्शनी जो कि संभवतः जून माह में दुबई में आयोजित है, में अपना स्थान बनाया।
  3. नीति आयोग द्वारा आयोजित अटल टिंकरींग मैराथान जिसमें 10,000 से अधिक प्रादर्श एवं 35,000 से ज्यादा विद्यार्थियों ने भाग लिया था, में शास.बहु.उ.मा.शा. बिलासपुर ने टॉप 30 में अपना स्थान बनाया। टॉप 30 के मूल्यांकन पश्चात अरूणाचल प्रदेश प्रथम एवं शास.बहु.उ.मा.शा. बिलासपुर ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया।

टीचर सर्पोटिंग सिस्टम –

टीचर स्पोर्टिंग सिस्टम गूगल फार्म पर चलने वाला एक मोबाईल एप है जिसे बिलासपुर जिले में शालाओं के मानिटरिंग के लिए बनाया गया है इस एप के द्वारा प्राचार्य अपने शालाओ की दैनिक ,साप्ताहिक एवं मासिक जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर को भेजते है इनके द्वारा भेजी गई जानकारी एक्सल फार्मैट में प्राप्त होती है जिसे फिल्टर करके रिर्पोट तैयार कि जाती है एवं समय समय पर प्राचार्यो की बैठक लेकर इन रिर्पोट की समीक्षा की जाती है।
इस एप को तीन भागो में विभाजित किया गया है-

दैनिक प्रतिवेदन

दैनिक प्रतिवेदन में प्रत्येक दिन प्राचार्य को विभिन्न बिन्दुओं पर जानकारी भेजना होता है इसे निम्न चार भाग मे बांटा गया है

पहले भाग में
  1. आज उपस्थित शिक्षकों की संख्या
  2. अवकाष पर रहने वाले शिक्षकों की संख्या
  3. कार्यालयीन कार्य में जाने वाले शिक्षकों के नाम
  4. बिना सूचना अनुपस्थित शिक्षको के नाम
  5. विलंब से आने वाले शिक्षको के नाम
  6. शाला समय से पहले छोड़ के जाने वाले शिक्षको के नाम
दूसरे भाग

प्राचार्य के द्वारा कक्षा निरीक्षण की जानकारी ।

तीसरे भाग

प्राचार्य के द्वारा लिए गए कालखंड की जानकारी ।

चौथे भाग

बच्चो की उपस्थिति की जानकारी ।

साप्तिाहिक प्रतिवेदन

साप्ताहिक प्रतिवेदन में प्राचार्यो को सप्ताह के आखिरी वर्किग दिन में जानकारी भेजना होता है इसमें प्रत्येक सप्ताह लिए गए यूनिट टेस्ट की सम्पूर्ण जानकारी भेजनी होती है ।

मासिक प्रतिवेदन

मासिक प्रतिवेदन में प्राचार्यो को प्रत्येक माह के पहले सप्ताह में जानकारी भेजनी होती है इसमें पिछले माह शालाओं में होने वाले विभिन्न कार्यकलापो एवं विषेष कार्यो की जानकारी भेजनी होती है । इसमे उस माह प्राचार्य के आकलन के आधार पर सर्वश्रेष्ठ शिक्षक एवं छात्रो का नाम मांगा जाता है ।

इस एप के द्वारा बिलासपुर जिले के प्रत्येक प्राचार्य को जानकारी भेजना जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा अनिवार्य कर दिया गया है। यह एप प्रत्येक प्राचार्य के मोबाईल पर इन्सटाल किया गया है ।

लक्ष्य 2018

लक्ष्य 2018 को संबोधित करते शिक्षकगण

लक्ष्य 2018 को संबोधित करते शिक्षकगण


लक्ष्य 2018

लक्ष्य 2018

शिक्षा में नवाचार के उद्देश्य से कार्यालय जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर द्वारा पिछले 03 वर्षो से लक्ष्य का आयोजन किया जा रहा है। इसी कड़ी में इस वर्ष दिनांक 20 फरवरी 2018 से 23 फरवरी 2018 तक “लक्ष्य 2018” का आयोजन किया गया। बोर्ड परीक्षा कक्षा 10वीं एवं 12वीं के परिणाम में बिलासपुर की स्थिति को देखते हुए बोर्ड परीक्षा के परिणाम में मात्रात्मक सुधार हेतु कक्षा 10वीं एवं 12वीं के सभी विषयों के विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रश्न बैंक का निर्माण कर सभी विद्यालयों में उक्त प्रश्न बैंक के प्रश्नों का उत्तर विद्यार्थियों से बार-बार लिखवाकर अभ्यास कराया गया।

गुणवत्ता पूर्ण परिणाम प्राप्त करने हेतु कक्षा 10वीं एवं 12वीं के अर्धवार्षिक परीक्षा एवं प्री-बोर्ड परीक्षा में 85 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त प्रतिभाशाली विद्यार्थियों हेतु चार दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण “लक्ष्य 2018” का आयोजन किया गया। जिसमें विद्यार्थियों को विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रश्नों का उत्तर किस प्रकार लिखा जाये, निर्धारित समय में प्रश्न पत्र को किस प्रकार हल किया जाये, समय प्रबंधन, प्रश्नों का उत्तर किस प्रकार दिया जाये की अधिक अंक प्राप्त हो, का प्रशिक्षण एवं विषय के प्रति विद्यार्थियों के जिज्ञासा को शांत करने का प्रयास किया गया। उक्त प्रशिक्षण में एक घण्टे का एक कार्यखण्ड अतिथि व्याख्यान हेतु रखा गया था, जिसमें विद्यार्थियों को प्रेरित करने हेतु प्रथम दिवस मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत, द्वितीय दिवस संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय, नया रायपुर, तृतीय दिवस पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज एवं अंतिम दिवस कलेक्टर, बिलासपुर द्वारा विद्यार्थियों के विभिन्न जिज्ञासा/समस्याओं, परीक्षा के प्रति मानसिक तनाव को किस प्रकार दूर करते हुए परीक्षा की तैयारी किस प्रकार किया जाये, के संबंध में विचार-विमर्श किया गया। उक्त प्रशिक्षण से जहां एक ओर विद्यार्थियों को बोर्ड परीक्षा में अधिक अंक लाने हेतु कारगार होगा, वहीं दूसरी ओर उन्हें उनके जीवन के विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने हेतु मददगार साबित होगा।

आई.सी.टी. योजना –

सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) योजना

आई.सी.टी. योजना

इस योजना के माध्यम से जिले के 130 विद्यालयों (120 ई संवर्ग एवं 28 टी संवर्ग के जिसमें 82 हायर सेकेण्डरी एवं 48 हाईस्कूल) के 9वीं से 12वीं के कुल 49997 विद्यार्थी लाभांवित हो रहे है।

सरस्वती सायकल योजना-

इस योजना के माध्यम से वर्ष 2017-18 में कुल 15847 छात्राओं को सायकल वितरित की जा रही है। पिछले 05 वर्षो की आकड़ों को देखे तो प्रतिवर्ष उक्त योजना के कारण विद्यालयों में छात्राओं की संख्या में लगभग 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

प्राथ.शा. कारीछापर –

मस्तूरी विकास खण्ड में स्थित प्राथ.शा. कारीछापर के सहा.शि.पंचा. श्री नेतराम बैगा के अगुवाई में शाला को स्वच्छ रखते हुए 92 पेड़ों के साथ बच्चों को पर्यावरण से जोड़कर अध्यापन कराया जाता है। पेड़ों को नंबर आबंटित कर बच्चों को गिनती सिखाई जाती है। अनुपयोगी कचरों को तकनिकी रूप से डिस्पोज किया जाता है। यह पी.पी.पी. मॉडल का उत्कृष्ठ उदाहरण है।

डिजीटल अध्यापन –

डिजीटल अध्यापन

डिजीटल अध्यापन

विकास खण्ड मरवाही स्थित शास.प्राथ.शा. लोहारी की अध्यापिका श्रीमती नलिनी राय द्वारा प्राथ.शा. के बच्चों को बिना किसी शासकीय अनुदान के अपने स्वयं के व्यय से डिजीटल विधि के माध्यम से अध्यापन कार्य किया जा रहा है, जो कि अनुकरणीय पहल है।

अधिक जानकारी के लिए लिंक पर जाएँ : https://eduportal.cg.nic.in