संस्कृति और विरासत
महामाया मंदिर, रतनपुर (जिला बिलासपुर)
यह प्राचीन मंदिर बिलासपुर-अंबिकापुर (व्हाया– कटघोरा) रोड पर 25 किमी की दूरी पर विद्मान प्राचीन ऐतिहासिक स्थल रतनपुर में तालाब के किनारे स्थित है। मंदिर का मंडप तथा प्रवेश द्वार कलात्मनक एवं दर्शिनिय है। महामाया मंदिर एक परकोटा के अंदर है जिसका निर्माण मराठा काल में हुआ । 12-13वी शती ईसवी में हुआ यह मंदिर महामाया देवी को समर्पित है जो रतनपुर शाखा के कल्चुरी राजाओं की कुल देवी थी ।
प्राचीन शिव मंदिर, किरारी गोढ़ी (जिला बिलासपुर)
यह स्मारक एक छोटे नाला के किनारे किरारी गोढ़ी ग्राम में बिलासपुर से (व्हाया – बिलासपुर रेल्वे स्टे्शन) 30 किमी की दूरी पर स्थित है यह मंदिर कल्चुरी कालीन (लगभग 11-12वी शती ईसवी) शिव मंदिर है। इस मंदिर का जीर्णोधार कार्य कराया गया है तथा बिखरी हुई प्रतिमाओं को मंदिर परिषद में प्रदर्शित कर दिया गया है।
देवरानी – जेठानी मंदिर, अमेरीकांपा (जिला बिलासपुर)
देवरानी मंदिर
इन मंदिरो प्रस्तंर निर्मित अर्ध भग्न) देवरानी मंदिर, शिव मंदिर है जिसका मुख पूर्व दिशा की ओर है। यह मंदिर रूद्रशिव के नाम से संबोधित की जाने वाली एक प्रतिमा सर्वाधिक महत्वपूर्ण है। यह विशाल एकाश्माक द्विभूजी प्रतिमा समभंगमुद्रा में खड़ी है तथा इसकी उचांर्इ 2.70 मीटर है।
जेठानी मंदिर
दक्षिणाभिमुखी यह भगवान शिव को समर्पित है। भग्नावशेष के रूप में ज्ञात संरचना उत्खनन से अनावृत किया गया है। किन्तुन कोई भी इसे देखकर इसकी भू-निर्माण योजना के विषय में जान सकता है। छत्तीसगढ़ के स्थापत्य कला की मौलिक्ता इसके पाषाण खण्डक में जीवित हो उठी है।